कविता एक दुनिया जहां सपने बिकते हैं मजूरी के दाम पर

एक दुनिया जो बहुत रंगीन है 

वहां सबकुछ मिलता है 

मजूरी के दाम पर

अमीर सब कुछ खरीद लेता है

गरीब हाथ बांधे देखता है 

कुछ रंगीन शामों को

उड़ते हुए जहाजों को

और अपनी बदतर हालत को

एक दुनिया जहां जिस्म का रंग बिकता है 

अमीर सब कुछ खरीद लेता है 

गरीब हाथ जोड़े देखता है 

चमचमाती हुई कारों को

अपने से दूर जाती सरकारों को

और सीने में चुभते कांटो को

एक दुनिया जहां सपने बिकते हैं 

अमीर सब कुछ खरीद लेता है 

गरीब हाथ बांधे देखता है 

अपने टूटे सपनों को

हाथों से छुटे पैसे को

और अपने गरीब हाथों को

एक दुनिया जो बहुत रंगीन है

अमीर सब रंग खरीद लेता है 

गरीब हाथ जोड़े देखता है 

अपने रंग विहीन जीवन को

कभी ना पूरी होनी वाली इच्छा को

और बिखरते हुए जीवन को

एक दुनिया जहां कागज बिकते हैं 

अमीर सब कुछ खरीद लेता है 

गरीब हाथ बांधे देखता है 

कागज़ की बुझती हुई राख को 

अपने में समेटे हुए खाक को

और दुख दर्द से भरे जीवन को 

एक दुनिया जहां गरीबी है

अमीर सब कुछ खरीद लेता है 

गरीब हाथ जोड़े मांगता है 

अपने हिस्से की गरीबी को

बुझती भूख की आग को

और बेसहारा परिवार को

एक दुनिया जो बहुत रंगीन है 

वहां सबकुछ मिलता है 

मजूरी के दाम पर 

- शशि प्रेम 



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