एक चिंगारी उजाले की
मैंने भी मन में जलाई है ।
अंधियारे राहों में भटके,
लोगों को राह दिखाई है।
सुख स्वप्न में डूबे मन को,
मेहनत की आग जगाई है ।
एक चिंगारी उजाले की
मैंने भी मन में जलाई है।
असंभव को भी मिली चुनौती,
मेहनत से सौभाग्य लाया है।
पकड़े किस्मत के धागों को,हम ने छोड़ना सिखाया है।
तार्किक मन के सूझ बूझ से,
कांटो में राह बनाई है।
एक चिंगारी उजाले की
मैंने भी मन में जलाई है।
- शशि प्रेम
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