बायो वेपन्स लैब से लीक हुए कैमिकल कैप्सूल से लोग बन गए म्यूटेंट क्रिएचर

 नरेश एक कंपनी का मालिक है जो दुनिया में फैले युद्ध के लिए बायो वेपन्स बनाती है। एक सुबह जब नरेश की आँखें खुली तो वह अपनी लैब में था। उसे कुछ भी याद नहीं कि वह वहां कैसे पहुंचा। जब वह लैब से बाहर निकला तो चारों तरफ सन्नाटा था। वहां पर दूर दूर तक उसे कोई इंसान या जानवर नजर नहीं आ रहे थे। वहां पर केवल खाली इमारतें थी। जिनसे अजीब आवाजें आ रही थी। नरेश जब उन आवाजों के पीछे चला तब वह एक खाली बिल्डिंग में पहुंचा जहां बहुत अंधेरा था। तभी उस पर एक बड़ा म्यूटेंट क्रिएचर हमला कर देता है और नरेश की आंख अपने बिस्तर पर खुलती है। यह नरेश का एक सपना था। जिससे नरेश बहुत डर गया। उसके बाद नरेश घटनाओं को विजुलाइज करने लगता है।

नरेश जल्दी से ऑफिस जाने के लिए तैयार होता है वह घर में अकेले रहता है। नरेश नाश्ता करता है और ऑफिस चला जाता है। उसे रास्ते में अपने सपने के बारे में अलग अलग विचार आ रहे थे। नरेश अपने आप से पूछता है कि क्या वह सपने सच हो जाएंगे। उसे अंदर से एक सांत्वना मिलती है, कि यह बस एक बुरा सपना था। तुम अपने काम पर अच्छे से ध्यान दो। 

नरेश अपने ऑफिस में जाता है और एक सीक्रेट फाइल को ओपन करता है जिसमें उसके एक्सपेरिमेंट में मनुष्य को म्यूटेंट क्रिएचर में बदल देते थे। उसके बाद उनके पास बहुत ज्यादा पावर आ जाती थी और वह अजीब से दिखने वाले बड़े जानवर में बदल जाते थे। 

नरेश ने उस एक्सपेरिमेंट को वहीं पर रोक दिया। लेकिन नरेश जब ध्यान से देखता है तो उसे वहां उस एक्सपेरिमेंट में बनाए गए एक केमिकल की कैप्सूल वहां नहीं मिलती। जिसे देखकर नरेश बहुत परेशान हो जाता है कि आखिर कार कैप्सूल कहां गई। नरेश लैब में इमरजेंसी अलार्म बजा देता है। फिर नरेश अपने बिस्तर से उठता है और थोड़ा पानी पी लेता है। 

नरेश को सुबह एक सपना आया था और वह उस सपने को फिर से विजुलाइज कर रहा था जिसमें उसे एक्सपेरिमेंट की कैप्सूल नहीं मिल रही थी इसलिए वह बहुत परेशान होकर बिस्तर से उठ जाता है। नरेश एक वैज्ञानिक बनाना चाहता था लेकिन वह कुछ कारणों की वजह से बन नहीं पाया। इसलिए शायद उसे इस प्रकार के सपने आते हैं फिर जिन्हें वह बाद में विजुलाइज करके सोचता है कि वह एक दिन वैज्ञानिक जरूर बनेगा। 

नरेश जब न्यूज देखता है तो उसे पता चलता है कि बायो वेपन्स लैब से एक कैमिकल कैप्सूल लीक हो गया है जिसमें लैब के सभी स्टाफ और आस पास के लोग म्यूटेंट क्रिएचर में बदल रहे हैं। इससे पहले कि नरेश बचने के लिए कुछ करे उसे एक डरावनी आवाज आती है, और एक म्यूटेंट क्रिएचर आ कर उसे मार देता है।

उसके बाद नरेश की आँखें उसके बिस्तर पर खुलती हैं उसे बिल्कुल पहले जैसा सपना आता है जिसमें नरेश उस केमिकल कैप्सूल को ढूंढ रहा है। नरेश के समझ में कुछ नहीं आता कि उसके साथ क्या हो रहा है। इसलिए वह घटनाओं को फिर से विजुलाइज करता है। एक घंटे बाद जब नरेश अपने घर से बाहर निकलता है तो चारों तरफ बिल्कुल सन्नाटा पसरा हुआ था। कोई म्यूटेंट क्रिएचर के डर से बाहर नहीं निकल रहा था। उन क्रिएचर ने आधे शहर को खत्म कर दिया था। नरेश को अपने फोन पर एक मैसेज मिलता है कि अगर इस दुनिया को बचाना है तो उस लैब में जाकर तुम्हे उस कैमिकल कैप्सूल को चोरी करके छिपाना है। उतने में एक क्रिएचर आकर नरेश को मार देता है। 

नरेश की नींद फिर से अपने बिस्तर पर खुलती है और उसे फिर से वही सपना आता है। इस बार नरेश घटनाओं को विजुलाइज नहीं करता उसे अपने पहले कि मेमोरी याद है कि लैब में कैसे जाना है और कैप्सूल कैसे चोरी करना है। नरेश लैब में एक नकली वैज्ञानिक बनकर जाता है और एक वैज्ञानिक को बेहोश करके उसके कार्ड से सारे दरवाजे अनलॉक करके उस कैमिकल कैप्सूल को चोरी कर लेता है। जब तक उस वैज्ञानिक को होश आता है तब तक नरेश कैप्सूल लेकर भाग जाता है। वह वैज्ञानिक जब उस कैप्सूल को लेने जाता है। तब उसे पता चलता है कि कैप्सूल चोरी हो गया है। वह वैज्ञानिक इमरजेंसी अलार्म बजा देता है। 

नरेश को फोन पर एक मैसेज मिलता है कि कैप्सूल को लेकर हमारे ऑफिस आ जाओ। नरेश जब कैप्सूल को लेकर ऑफिस पहुंचता है तब मिशन सक्सेसफुल कंप्लीट हो जाता है और हमें पता चलता है कि यह एक सिमुलेशन है जिससे बहुत सारे लोग जुड़े हुए हैं। जैसे ही सचिन अपने कम्प्यूटर से खड़ा उठता है उसे आकर कोई मार देता है। सचिन सिमुलेशन से बाहर आ जाता है और उसे मैसेज मिलता है कि उसके शहर के बायो वेपन्स लैब से कैमिकल कैप्सूल लीक हो गया है।


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