वो आ रहे हैं भाग आठवां नवीन का विजन और दैत्य

वो आ रहे हैं भाग 8 नवीन का विजन और दैत्य 

नवीन आज ऑफिस से जल्दी घर आ गया। उसे बार बार विजन आ रहे थे कि वह एक दलदल में फंसा है, और वो वहां से निकल नहीं पा रहा है। नवीन को कुछ भी समझ नहीं आ रहा है कि वह क्या करे। ऐसा भी नहीं है कि उसे आज पहली बार यह विजन आएं हो। लेकिन आज उसका यह विजन उसे बहुत परेशान कर रहा है। आज तक वह अपने अच्छे विजन से खुश था।

नवीन शहर में अकेले रहता है इसलिए वह अपने लिए कॉफी बनाता है और आराम करने लगता है। नवीन ने अपनी इंजीनिरिंग की पढ़ाई छोड़ दी थी और अब इंश्योरेंस कंपनी में काम करता है। उसे अपने यह विजन दूसरे को बताने चाहिए लेकिन वह यह नहीं करता। नवीन को कुछ भी समझ नहीं आता कि वह कहां फंस गया है। 

कुछ समय बाद वह अपने आप को एक अंधेरे कमरे में पाता है। जहां से अजीब सी आवाजें आ रहीं थी। नवीन जब आगे बढ़ता है तो उसे एक काला साया दिखाई देता है जिसे नवीन दैत्य कहने लगा। अब नवीन के अंदर से एक आवाज आई हम सब दैत्य को नियंत्रित कर रहे हैं तुम वहां से भाग जाओ। नवीन अब अपनी दिमाग की आवाज से बातें करने लगता है जैसे वह पहले किया करता था। उसने उस आवाज की एक दूसरी पहचान बना लिया। जो सिर्फ नवीन से बात करती थी। 

नवीन अब वहां से भागने लगता है लेकिन वह एक अंधेरे में खो जाता है। नवीन के पीछे दैत्य भागता है और अब नवीन चिल्लाने लगाता है जिससे नवीन की नींद खुल जाती है। वह बहुत डरा हुआ था। उसे कुछ भी समझ आए इससे पहले वह अपने गांव में बालवीर के घर के नीचे दैत्य को विजुलाइज करने लगता है। नवीन को लगता है कि बालवीर ने ही उसके पीछे दैत्य को छोड़ा है। नवीन इन सब से इतना परेशान हो जाता है कि वह अपनी जॉब छोड़कर गांव चला जाता है और गांव में घूम घूम कर सबको बताने लगता है कि गांव में काला जादू हो रहा है। 

नवीन गांव की एक महिला खजानी से कहता है कि तुम पर काला जादू हो रहा है और उसका केंद्र बालवीर के घर के आस पास है। नवीन उसे समझाते हुए कहता है कि बालवीर दैत्य है, उस से बच के रहना।

खजानी को कुछ भी समझ नहीं आता और वह नवीन से इसका निवारण करने को कहता है। 

नवीन कहता है कि तीन महीने में मैं इसे अपने आप खत्म कर दूंगा। आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है। 

नवीन के विजन में अब दैत्य से लड़ाई शुरू हो जाती है। वह पहले अस्त्र शस्त्र से दैत्य की पिटाई करता है उसके बाद उसे धरती से दूर एक ग्रह पर कैद कर देता है। 

इसके बाद नवीन के विजन अनियंत्रित हो जाते हैं और वह एक बाद दूसरे चीजों को विजुलाइज करने लगता है। उसे समझ नहीं आता कि उसके साथ क्या हो रहा है। और नवीन की अजीब हरकतों की वजह से परिवार वाले उसे पकड़ कर मनोचिकित्सक के पास ले जाते हैं। मनोचिकित्सक से नवीन के परिवार वाले बताते हैं कि नवीन दो महीने से अपनी दवा नहीं ले रहा है। नवीन को एक इंजेक्शन लगाया जाता है और कुछ एंटी साइकोटिक दवा दे देते हैं। जिनको लेने से नवीन को कोई विज़न नहीं आता है। लेकिन वह आवाज आज भी नवीन से बात करती है। नवीन के दिमाग में एक आवाज आती है क्या सोच रहा है तू। ऐसे सोचने से कुछ नहीं होता दैत्य को पकड़ने के लिए कोई योजना बनाओ। नवीन अपने आप से कहता है मेरे मन के भीतर कोई नहीं है। यह मेरा मन ही है। 

रात को जब नवीन सोता है तो उसे सपने में दैत्य उसे जकड़ लेता है। इतने में एक आवाज आती है आंख खोलो नवीन जब आंख खोलता है तो देखता है किसी दैत्य ने उसे नहीं पकड़ रखा है। वह आवाज कहती है कि नवीन दैत्य बस तुम्हारी कल्पना मात्र है। 

नवीन अपनी असमंजस से बाहर नहीं आ पाता कि दैत्य, सपने और आवाजें सच है या नहीं। इसलिए नवीन साइको थेरेपी लेने की सोचता है पर दूसरे दिन सपने में वह आवाज नवीन से कहती है कि इन सपनों के बारे में किसी को मत बताना। तुम साइको थेरेपी मत लेना। लोगों को ऐसे सपने नहीं आते उन्हें समान्य सपने ही आते हैं। इसलिए तुम्हें इन सपनों के बारे में किसी से भी बात भी नहीं करनी है। लेकिन नवीन इन्हीं सपनों को समझने के लिए एक किताब लिख रहा है जिसका शीर्षक है अनोखे सपने। नवीन को कुछ भी समझ नहीं आता कि किताब में जब नवीन सपनों का जिक्र किया तो उस आवाज ने उसे नहीं रोका लेकिन जब नवीन साइको थेरेपी लेना चाहता है तो वह आवाज सपनों के बारे में किसी से बातें करने से मना कर रही है।

आखिरकार नवीन मनोचिकित्सक से साइको थेरेपी लेने के लिए सलाह लेता है मनोचिकित्सक कहता है कि अभी तुम्हे थेरेपी की जरूरत नहीं है तुम अभी दवा खाओ। दवा लेने के कुछ दिनों बाद में नवीन को अहसास हो जाता है कि बालवीर वास्तव में दैत्य नहीं है। लेकिन नवीन का एक बुरा अनुभव था, दैत्य (काला साया) । जिसने उसे सोने नहीं दिया। 

जब नवीन इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने शहर गया था तो वहां पर वो सबसे पहले इनसोम्निया का शिकार हुआ था। नवीन को रात के अंधेरे में नींद नहीं आती थी। इंटरनेट से निकाले गए दैत्य (काला साया) का गेम खेलने के बाद रात के बारह बजे उसे एक साया मारने आया करता था। जिसके डर से उसकी नींद खुल जाती और उसके बाद वह सुबह 4 बजे तक नहीं सोता था। कुछ दिन ऐसे ही चला उसके बाद उसे रात में नींद बिल्कुल नहीं आई और वह दिन में कॉलेज जाने की जगह सोने लगा। उसके बाद नवीन को कई मनोभ्रम होते हैं। जिसके बारे में हमने इससे पहले भाग में पढ़ा है।

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