रोहन पहाड़ों पर बने एक घर में अकेले रहता है। इससे पहले वह बड़े शहर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जाब करता था। शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से वह ऊब गया था। उसे बस एकांत चाहिए था जहां वह सकून की सांस ले सके। उसे रोज रोज एक ही काम करने से बोरियत आ रही थी। वह प्रकृति के साथ कुछ समय व्यतीत करना चाहता है। इसलिए अपनी जॉब छोड़कर सीधे अपने गांव चले गया। उस गांव में अब कोई नहीं रहता। रोहन का गांव शहर से करीब 150 किलोमीटर दूर है। रोहन के घरवालों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया। लेकिन रोहन अपनी जमा पूंजी को लेकर गांव चले गया। रोहन की पढ़ाई लिखाई शहर में हुई थी इसलिए उसे गांव में जीवन यापन के बारे में कुछ नहीं पता था। वह एक कैंपिंग टेंट लेकर अपने गांव गया। कुछ दिन वह कैंपिंग टेंट में रहा उसके बाद उसने अपने टूटे फूटे मकान की मरमत किया और अब वह अपने मकान में ही रहने लगा।
गांव में रोहन का सब ठीक चल रहा था दिन में वह जंगल से खाना पकाने के लिए लकड़ियां लाता। उसके बाद कुछ दूर से अपने लिए पानी भरकर ले आता। उसे इस जिंदगी में आनंद आ रहा था। कुछ वर्ष ऐसे ही बीते उसके बाद रोहन की जमा पूंजी खत्म होने लगी तो रोहन को पैसे को लेकर चिंता होने लगी की अब वह कैसे अपना जीवन यापन करेगा। रोहन के घरवालों ने रोहन को कुछ भी मदद करने से मना कर दिया। अकेलेपन की वजह से कुछ दिन बाद उसे मानसिक बीमारी हो गई वह कभी उदास रहने लगा कभी तेजी में रहने लगा उसे भ्रम भी होने लगे। रोहन को गांव ठीक वैसे ही नजर आने लगा जैसे उसकी कल्पना में स्वर्ग था।
रोहन के घर वाले कह रहे थे की तुम वापस शहर आ जाओ। फिर हम आपकी जिंदगी की सभी चुनौतियों को ठीक कर देंगे। लेकिन रोहन नहीं माना उसने उस गांव को फिर से बसाने के लिए काला जादू का सहारा लिया। वह काला जादू की किताबे पढ़ने लगा लेकिन उनसे कुछ नहीं हुआ। रोहन को लगा की जैसे मुझे भ्रम हो रहा वैसे ही अगर लोगों को भ्रम हो तो वह गांव फिर से बस जाएगा। रोहन को वह भ्रम कुछ ही मिनटों के लिए होते थे उसे कुछ पता नहीं चल रहा था की यह कैसे हो रहा है लेकिन एक दिन उसने देखा की जब वह स्रोत का पानी पीता है तो उसके बाद ही उसे भ्रम होता है। एक दिन जब रोहन पानी भरने के लिए गया तो उसे एक पानी से बना चेहरा दिखाई दिया जो आवाज देकर कह रहा था की तुम जिस मैट्रिक्स को बनाना चाहते हो उसे हम बना सकते हैं। लेकिन तुम्हे हमारी पहेली के अनुसार चलना पड़ेगा। जैसी हमारी पहेली होगी उसके अनुसार ही गांव की रचना सुंदर होती जायेगी। रोहन इस बात को मान लिया। उसने उस गांव की ओर आने वाली रोड और गांव में ऐसी मैट्रिक्स बनाई की उस गांव की तरफ आने वाले कभी भी गांव से बाहर नहीं जाना चाहते थे।
उसने अपने पानी के जादू वाली आवाज से गांव में मैट्रिक्स बनाई जिससे वह गांव बहुत ही सुन्दर और आलीशान लगता था। गांव में आने वाले लोगों को पानी वाले जादू की वजह से भ्रम हो जाता और उन्हें वह गांव बिलकुल वैसा प्रतीत होता था जैसे उनकी कल्पना में स्वर्ग है। वह सदा के लिए उसी गांव में रहना चाहते। वह गांव अलग अलग आदमी को उनके ही नजरिए से ही अलग अलग नजर आता था। जो उस गांव की जैसे सुंदर रचना सोचता था वह गांव अपने आप को वैसे ही बना लेता था। धीरे धीरे गांव की आबादी बढ़ने लगी। लेकिन रोहन को फिर भी यह गांव पसंद नहीं आ रहा था उसे गांव में रहने वाले लोगों से दुख मिल रहा था। तो अब बारी थी गांव की पहेली को हल करने की तो पानी वाले जादू ने रोहन को एक छड़ी देकर कहा की सोचो की अगर तुम एक दिन एक जंगल में फंस गए और वह जंगल समांतर ब्रह्माण्ड में ले जाता हो तुम उस जंगल से कैसे दुनिया में जाना चाहोगे। रोहन ने कहा जहां दुख ना हो। रोहन के सामने वह जंगल आ गया और समांतर ब्रह्माण्ड के अनेक रास्ते आ गए अब पानी के जादू से आवाज आई तुम कैसे निर्णय करोगे की किस दुनिया में दुख नहीं है। रोहन ने कहा की मैं सब दुनिया को जांच नहीं सकता इसलिए तुम ऐसी दुनिया बताओ जहां के लोग अच्छे हैं।
रोहन के सामने ऐसी अनेक दुनिया के दरवाजे आ गए जहां के लोग अच्छे हैं रोहन ने सब से अंतिम वाली दुनिया चुनी और उसमे चले गया। रोहन से उस आवाज ने कहा तुम इस छड़ी को घुमाकर उस दुनिया में जो चाहो उसे बदल सकते हो। जब एक वर्ष बाद रोहन को होश आया तो वह हॉस्पिटल में पड़ा था और उसे उस दुनिया के अनेक दुख याद थे जिसके वजह से वह कभी भी उस दुनिया में नहीं जाना चाहता है। उसके घर वालों ने उसे बताया की कार एक्सीटेंड की वजह से तुम पिछले 6 महीनों से कोमा में थे आज तुम्हें पहली बार होश आया है।
0 टिप्पणियाँ